shiv chalisa in hindi No Further a Mystery

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कीन्ही दया तहं करी सहाई। नीलकण्ठ तब नाम कहाई॥

माथे पे चन्द्र सोहे अंगो पे विभूति लगाये

शिव को भस्म क्यों चढ़ाई जाती है, जानिए यहां भस्म आरती के राज

आप जलंधर असुर संहारा। सुयश तुम्हार विदित संसारा॥

अस्तुति चालीसा शिवहि, पूर्ण कीन कल्याण॥ 

देवो के हित विष पी डाला, नील कंठ को कोटि प्रणाम, नील कंठ को कोटि प्रणाम

गंगा जटा में तुम्हारी, हम प्यासे यहाँ ॥

धूप दीप नैवेद्य चढ़ावे। शंकर सम्मुख पाठ सुनावे॥

ॠनियां जो कोई हो अधिकारी। पाठ करे सो पावन हारी॥

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शंकर हो संकट के नाशन। मंगल कारण विघ्न विनाशन॥

योगी यति मुनि ध्यान shiv chalisa in hindi लगावैं। शारद नारद शीश नवावैं॥

शिव को भजले सुख पायेगा, मन को आएगा आराम, मन को आएगा आराम

योगी यति मुनि ध्यान लगावैं। नारद शारद शीश नवावैं॥

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